कहीं कमी ना पड़ने दूँ मैं ऑक्सीजन दूँ भरपूर बदले में कुछ ना चाहूं मैं कहीं कमी ना पड़ने दूँ मैं ऑक्सीजन दूँ भरपूर बदले में कुछ ना चाहूं मैं
तू होकर अपना आज गैर - सा लग रहा तू होकर अपना आज गैर - सा लग रहा
हाँ मैं सदियों से हूँ बस तुम्हारे ही प्यार में हाँ मैं सदियों से हूँ बस तुम्हारे ही प्यार में
बाकी दुनिया अनजानी थी ना प्यार मोहब्बत की बातें थी ना ही घंटो मुलाकातें थी, बाकी दुनिया अनजानी थी ना प्यार मोहब्बत की बातें थी ना ही घंटो मुलाकातें थी,
वास्तव में मानव धर्म हम सभी को निभाना है। वास्तव में मानव धर्म हम सभी को निभाना है।
कहीं मोहन बजायें बासुरियां कहीं फिर वही राधा दिवानी है। कहीं मोहन बजायें बासुरियां कहीं फिर वही राधा दिवानी है।